रुपए को मिली नई पहचान
Friday, 16 July 2010 08:48 administrator
Top of Form
User Rating: / 2 PoorBest
Bottom of Form
भारतीय मुद्रा रुपए को नई पहचान मिलने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनकी मुद्राओं के विशिष्ट प्रतीक चिह्न हैं।मंत्रिमंडल ने देवनागरी 'र' और रोमन लिपि के बिना खड़ी पाई वाले कैपिटल 'आर' के मिश्रण और उसके ऊपर दो समानांतर दो रेखाओं वाले प्रतीक चिह्न को मंजूरी दी।केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसले की घोषणा करते हुए कहा, "यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को प्रदर्शित करता है।"प्रतीक चिह्न मिलने के बाद रुपया भी अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, यूरोपीय यूरो और जापान की येन की श्रेणी में आ गया है, जिनके प्रतीक चिह्न हैं।सोनी ने कहा कि प्रतीक चिह्न को लेकर प्राप्त प्रविष्टियों की अंतिम सूची में पांच प्रविष्टियां थीं। इनमें से मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के परास्नातक डी. उदयकुमार द्वारा डिजाइन किए गए प्रतीक चिह्न को मंजूरी दी।रुपये का प्रतीक चिह्न भारतीय मुद्रा को पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे देशों की मुद्राओं से अलग करेगा। इन देशों की मुद्राओं के नाम भी रुपया या रुपिया हैं।
पांच सदस्यों के एक पैनल ने इसे कई डिजाइनों में से चुना था। यह कुमार के लिए दोहरी खुशी की बात है, क्योंकि आईआईटी गुवाहाटी में बतौर फैकल्टी उनका पहला दिन है। कुमार ने जो डिजाइन तैयार किया है वह देवनागरी ‘र’ और रोमन के ‘आर’ का मिलाजुला रूप दिखता है। साथ ही, उन्होंने तिरंगा, अशोक च्रक्र जैसे भारतीय प्रतीकों को सांकेतिक रूप में शामिल करने की भी कोशिश की है।रुपए का सिंबल डिजाइन करने के लिए वित्त मंत्रालय ने गत 5 मार्च को एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। रुपए का डिजाइन तैयार करने के लिए कुमार को 2.5 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। एक अधिकारी का कहना है कि कुमार का कंसेप्ट तीन रंगों वाले भारतीय ध्वज और ‘अंकगणितीय समानता’ पर आधारित है। इसमें दो समानांतर लाइनों के बीच का सफेद रंग अशोक चक्र के साथ भारतीय ध्वज, तथा दो बोल्ड समानांतर रेखाएं अर्थव्यवस्था में संतुलन को दर्शाती हैं। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में कहा था कि हम भारतीय रुपए को ऐसा सिंबल देना चाहते हैं, जो भारतीय प्रकृति और संस्कृति से मेल खाता हो। रुपए का सिंबल तय करने का मुख्य मकसद इसे डॉलर, यूरो जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की तरह पहचान दिलाना है।
No comments:
Post a Comment